Shashankasana (The Hare Pose) दमा व ह्रदय रोगियों के लिए लाभकारक आसन
आज के मानव का जीवन तनाव और परेशानी से भरा हुवा है | उसके कारण उसका जीवन बहुत रोगो से घिरा है और उसका स्वभाव भी चिड़चिड़ा सा हो जाता है | ऐसे मानव के लिए शशकासन दवाई का काम करता है | इस आसन को रोजिंदा अपने जीवन में स्थान देने से कई रोगो से छुटकारा मिलता है |
कई विशेषज्ञों के बताने के अनुसार इस आसन से मानव हृदय रोग, मधुमेह और दमा रोग से दूर रहता है, नसें भी लचीली होकर अच्छी तरह से काम करती है | यह आसन काम विकारो से भी राहत दिलाता है | इसके अलावा यह नारी गर्भाशय व् जननांगो को भी स्वच्छ रखता है और रक्त का संवहन चेहरे की ओर बढ़ा के चेहरे की सुंदरता में भी वृद्धि करता है |
शशकासन :
शशांक का अर्थ होता है खरगोश और इस आसन में शरीर का आकार खरगोश जैसा हो जाता है इसलिए इस आसन को शशकासन कहा जाता है |
शशकासन की विधि :
वज्रासन में बैठकर दोनों हाथों को श्वास भरते हुए ऊपर उठायें, तब आगेझुकते हुए श्वास बाहर छोड़ते हुए एवं हाथों को आगे फैलाकर हथेलियाँ नीचे की ओर रखते हुए कोहनियों तक हाथों को भूमि पर टिका दें, माथा भी भूमि पर टिका हुआ हो | कुछ समय इस स्थिति में रहकर पुनः वज्रासन में आ जाएँ | इस क्रियाभ्यास को ' शशकासन ' कहते है |
लाभ :
शशकासन आँत, यकृत, अग्न्याशय एवं गुर्दोको उर्जाप्रदान करता है, स्त्रियों के गर्भाशय को पुष्ट करके उदर, कमर एवं कुल्हों की चर्बी कम करता है |
मानसिक तनाव, क्रोध, चिड़चिड़ापन व् गुस्सा आदि को दूर करके मानसिक शांति प्रदान करता है | दमा व् हृदयरोगियों के लिए विशेष लाभप्रद है |
विशेष :
निचे झुकते हुए यह ध्यान दें की नितम्ब एड़ियों से ही लगे रहें अर्थार्त नितम्ब को न उठायें |
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