How To Do Sarvangasana at Home - Shoulder Stand
सर्वांगासन योग :
सर्वांगासन में संपूर्ण शरीर का व्यायाम होता है और इसी लिए इसे सर्व-अंग-आसन = सर्वांगासन नाम दिया गया है | इस आसन को करने से आप हमेशा स्वस्थ रहेंगे और किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं होगी | कुछ योग विशेषज्ञ तो इस आसन को अन्य आसनो की जननी भी कहते हैं | शरीर को मजबूत बंनाने के साथ ही यह आसन करने से दिमाग में Blood supply बढ़ता है जिससे intelligence और concentration भी बढ़ता हैं | विशेष कर बच्चो को यह आसन अवश्य करना चाहिए जिससे वह देर तक मन लगाकर अभ्यास कर सकते है और उन्हें पढ़ा हुवा सब याद भी रह सकता है |
सर्वांगासन करने का तरीका और फायदे -
सर्वांगासन में संपूर्ण शरीर का व्यायाम होता है और इसी लिए इसे सर्व-अंग-आसन = सर्वांगासन नाम दिया गया है | इस आसन को करने से आप हमेशा स्वस्थ रहेंगे और किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं होगी | कुछ योग विशेषज्ञ तो इस आसन को अन्य आसनो की जननी भी कहते हैं | शरीर को मजबूत बंनाने के साथ ही यह आसन करने से दिमाग में Blood supply बढ़ता है जिससे intelligence और concentration भी बढ़ता हैं | विशेष कर बच्चो को यह आसन अवश्य करना चाहिए जिससे वह देर तक मन लगाकर अभ्यास कर सकते है और उन्हें पढ़ा हुवा सब याद भी रह सकता है |
सर्वांगासन करने का तरीका और फायदे -
सर्वांगासन के फायदे -
१. कंधो और गर्दन में खिचाव पैदा करता है |
२. सर्वांगासन थायराइड और हायपोथेलेमस ग्रंथियों को संतुलित करता है ताकि शरीर में उचित हार्मोन उत्पादन हो सके |
३. हृदय और श्वसन प्रणाली को मजबूत करता है |
४ सर्वांगासन से पांच अंगो पर सकारात्मक असर होता है जिस से कब्ज में रहत मिलती है |
५. इस आसन से चेहरे पे रकत प्रवाह बढ़ने के कारण झुर्रियां कम होती हैं |
६. सर्वांगासन करने से मन का तनाव कम होता है जिस से बेहतर नींद आती है |
७. थकान, दुर्बलता को दूर करता हैं | मनोविकार को भी दूर करता है |
८. थायरोड ग्रंथि को क्रियाशील बनाता है | वजन कम करने में सहायक है |
९. दमा से पीड़ित व्यक्तिओ के लिए बेहद उपयोगी हैं | पीठ और कंधे मजबूत होते है | कब्ज और पाचन सबंधित रोग दूर होते है |
१०. महिलाओं में गर्भाशय और मासिक धर्म से जुडी समस्याओ को दूर करने में उपयोगी हैं |
सर्वांगासन करने का तरीका -
१. कमर के बल सीधे लेट जायें | हाथों को सीधा पीठ के बगल में जमीन पर टिका क्र रखें |
२. साँस अंदर लेते हुए दोनों टांगो को उठा कर "अर्ध-हलासन" में ले आयें |
३. कोहनिया को जमीन पर टिकाए हुए दोनों हाथों से पीठ को सहारा दें | इस मुद्रा में १-२ साँस अंदर और बहार लें और यह पक्का कर लें की आपका संतुलन सही है |
४. अब धड़ और टाँगो को उठा कर बिल्कुल एक सीध में कर लें | द्रष्टि को नाक पर रखें |
५. अपनी क्षमता के मुताबिक 60 से 300 सेकेण्ड तक इस मुद्रा में रहें और फिर धीरे से निचे आ जाये | शरुआत में कम देर करें और धीरे धीरे समय बढ़ायें |
सावधानी :
- बीमारिया जैसे की (उच्च रक्तचाप, हृदयविकार, गर्दन में दर्द, कमर में दर्द, चककर आना, मासिक धर्म और गर्भावस्था, घेंघा) ये सब बिमारिओ से पीड़ित व्यक्तिओ को ये आसन नहीं करना चाहिए |
- सर्वांगासन करते समय सिर को उठाने की कोशिश न करे |
- घुटनो को मोड़ना नहीं |
सर्वांगासन का अधिक लाभ लेने हेतु सर्वांगासन के बाद मत्स्यासन करना चाहिए | सर्वांगासन कोअपने क्षमतानुसार ही करे और अभ्यास के साथ ही समय अवधि बढ़ानी चाहिए | सर्वांगासन करते समय किसी प्रकार की तकलीफ होने पर तुरंत योग विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए |
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