सिंहासन
सिंहासन योग आसन क्या है ?
इस आसन का मतलब है शेर आसन | इस आसन को सिंहासन इसलिए कहते है क्योंकि बाहर निकली हुई जीभ के साथ चेहरा दहाड़ते हुए शेर की भयंकर छवि को दर्शाता है | संस्कृत में सिंह का अर्थ होता है शेर | सिंहासन आपके आँखों, चेहरे व गर्दन को स्वस्थ रखने ले लिए लाभकारी भूमिका निभता है |
सिंहासन करने की सही विधि और लाभ :
विधि :
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लाभ :
इस आसन का मतलब है शेर आसन | इस आसन को सिंहासन इसलिए कहते है क्योंकि बाहर निकली हुई जीभ के साथ चेहरा दहाड़ते हुए शेर की भयंकर छवि को दर्शाता है | संस्कृत में सिंह का अर्थ होता है शेर | सिंहासन आपके आँखों, चेहरे व गर्दन को स्वस्थ रखने ले लिए लाभकारी भूमिका निभता है |
सिंहासन करने की सही विधि और लाभ :
विधि :
वज्रासन में बैठकर सामने से दोनों घुटने एक से डेढ़ फुट खोलकर दोनों कलाईयों को परस्पर मिलाकर हाथों को सीधा करके उँगलियाँ और हथेलियाँ जमीन पर सटाकर, आगे झुककर भ्रूमध्य पर द्रष्टि करके, मुख खोलकर जीभा को यथाशक्ति बाहर निकालकर शेर की तरह आवाज करते हुए दहाड़ें | एक बार में न्यूनतम तीन बार इस क्रिया को करें, योगीजनों को प्रिय उह क्रिया 'सिंहासन' कहलाती है |
लाभ :
१) गले से सबंधित समस्त रोगों यथा-हकलाना, तुतलाना, टोन्सिल एवं आहारनली में कफ का जमना आदि रोगों में विशेष लाभप्रद है |
२) फेफड़े मजबूत होते हैं, हाथ सुंदर व सुडौल बनते हैं |
३) यह आसन सभी पेशियों को और विशेष रूप से चेहरे की पेशियों को तानता है और साथ ही साथ खून की प्रभाव को बढ़ाता है | और इस तरह से आपके चेहरे की खूबसूरती को चार चाँद लगाता है |
४) यह एक तरह का एंटीएजिंग आसन है, जो चेहरे की एक्सरसाइज़ करने के साथ ही चमक बढ़ाता है और त्वचा में नयापन बनाई रखता है |
५) यह थायरॉयड के लिए एक बेहतरीन योग है | इसका रोजाना अभ्यास करने से आप थायरॉयड से सबंधित परेशानियों से बच सकते है | थायरॉयड पके वजन को बढ़ा सकता है | इसको सिंहासन के जरिये आप कंट्रोल कर सकते है |
६) इसके अभ्यास से आप अपने आँखों को स्वच्छ रख सकते हैं | इससे आँखों की नसों की कमजोरी दूर होती है |
७) पेट की पेशियों केलिए एक अच्छा व्यायाम है | इसके नियमित अभ्यास से आप पेट की बहुत सारे रोगों से अपने आपको निजात दिला सकते है
८) सिंहासन आसन का रोजाना अभ्यास करने से आपको अस्थमा में आराम मिलता है |
९) गले,नाक, कान और मुँह की बीमारियों को दूर करने केलिए सिंहासन एक श्रेष्ठ आसन है |
१०) इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी पुष्ट होती है और इससे सबंधित परेशानिय से बचने में मदद करत है |
११) सिंहासन का नियमित अभ्यास करने से दांत, जीभ, जबड़ा और गले के रोगों से मुक्ति मिलती है |
१२) आमाशय, छोटी आंत, बड़ी आंत और गुर्दो की सफाई के लिए लाभकारक है |
३) यह आसन सभी पेशियों को और विशेष रूप से चेहरे की पेशियों को तानता है और साथ ही साथ खून की प्रभाव को बढ़ाता है | और इस तरह से आपके चेहरे की खूबसूरती को चार चाँद लगाता है |
४) यह एक तरह का एंटीएजिंग आसन है, जो चेहरे की एक्सरसाइज़ करने के साथ ही चमक बढ़ाता है और त्वचा में नयापन बनाई रखता है |
५) यह थायरॉयड के लिए एक बेहतरीन योग है | इसका रोजाना अभ्यास करने से आप थायरॉयड से सबंधित परेशानियों से बच सकते है | थायरॉयड पके वजन को बढ़ा सकता है | इसको सिंहासन के जरिये आप कंट्रोल कर सकते है |
६) इसके अभ्यास से आप अपने आँखों को स्वच्छ रख सकते हैं | इससे आँखों की नसों की कमजोरी दूर होती है |
८) सिंहासन आसन का रोजाना अभ्यास करने से आपको अस्थमा में आराम मिलता है |
९) गले,नाक, कान और मुँह की बीमारियों को दूर करने केलिए सिंहासन एक श्रेष्ठ आसन है |
१०) इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी पुष्ट होती है और इससे सबंधित परेशानिय से बचने में मदद करत है |
११) सिंहासन का नियमित अभ्यास करने से दांत, जीभ, जबड़ा और गले के रोगों से मुक्ति मिलती है |
१२) आमाशय, छोटी आंत, बड़ी आंत और गुर्दो की सफाई के लिए लाभकारक है |
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