Hasyasan हास्यासन
हास्यासन करने का तरीका और इससे होने वाले लाभ
विधि :
किसी भी आसन में सुखपूर्वक बैठकर मन ही मन जीवन का सौन्दर्य-बोध करें | परमात्मा की असीम अनुकम्पा के लिए उसके प्रति कृतज्ञता का भाव जगायें | जीवन को उत्सव की तरह जीने का मन ही मन संकल्प करते हुए ख़ुशी से झूमकर आनन्द से सराबोर होकर हाथों को बगल से धीरे-धीरे उठाते हुए तहाके मारकर खूब हँसें | एक आवृति में ३ से ५ बार तक इस क्रिया को करें; योग में निहित यह क्रियाविधि 'हास्यासन' कहलाती है |
लाभ :
विधि :
किसी भी आसन में सुखपूर्वक बैठकर मन ही मन जीवन का सौन्दर्य-बोध करें | परमात्मा की असीम अनुकम्पा के लिए उसके प्रति कृतज्ञता का भाव जगायें | जीवन को उत्सव की तरह जीने का मन ही मन संकल्प करते हुए ख़ुशी से झूमकर आनन्द से सराबोर होकर हाथों को बगल से धीरे-धीरे उठाते हुए तहाके मारकर खूब हँसें | एक आवृति में ३ से ५ बार तक इस क्रिया को करें; योग में निहित यह क्रियाविधि 'हास्यासन' कहलाती है |
लाभ :
- सम्पूर्ण शरीर व चित में प्रसन्नता, प्रफुल्लता तथा उत्साह जाग्रत होता है | मानसिक तनाव व कुण्ठा दूर होती है |
- मस्तिष्क में एण्डोफिरन नामक हार्मोन (स्त्राव) तेजी से स्त्रावित होता है, जिसके एल्फा किरणें बनकर व्यक्ति तनावरहित होकर उत्साह में जीने लगता है |
- पेट व फेफड़ों पर बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ता है |
- चेहरे पर कान्ति व सौन्दर्य बढ़ता है |
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